गुड़िया जिंदा है

 

जिंदा गुड़िया की कहानी जो लाचार बच्ची की सरी बातें सुन सकती थी । वो गुड़िया उसे अपने बगीचे मे मिली थी। 

वो बहुत पुरानी गुड़िया थी और उसके पिता जब

रूम शीफ्ट कर रहे थे तब वो गुड़िया उसे मिली थी।






एक बहुत बरा बिजनेस मैन था उसका नाम सूरज था । वो बहुत अच्छा इंसान था । सबकी मधत करने वाला ,बहुत बरा खुद का बिजनेस होने के बाद भी उसे जरा भी घमंड नहीं था । उसका एक बेटा था । सूरज ने लव मैरिज शादी की थी उसकी पत्नी थोड़ा स्वार्थी थी और अपने सास ससुर से दूर रहना चाहती जैसा कि आज कि लड़की होती है। सूरज के माता पिता सहर मे किसी जहा रहते थे और ये लोग दिल्ली में । 
पर सूरज हर एक परब पे अपनी मा पापा के पास ही रहता था । 

एक दिन सूरज को बहुत बरा ऑफर मिला एक कंपनी के तरफ से उसका आज तक का सबसे बरा ऑफर था और सूरज ये deal करना चाहता था । बहुत सारे कम्पनी को भी बुलाया गया था उन्हे जो अच्छा लगता वो deal उनके साथ ही करते । 
सूरज अगले दिन थोड़ा लेट हो गया तैयार होने में वो ज्लदी ज्लदी अपनी कार से जा रहा था । की थोड़े ही दूर मे टायर फत गया । पास में ही एक गैराज था वो वाहा गया और ज्लदी से ठीक करने को कहा । जब गरी ठीक हो गई तो उसने पैसा दिया तभी उसका id card गिर गया वो नहीं देखा और जाने लगा तभी एक भिखारी लड़की वाहा आती है और उस इड कार्ड को लेकर सूरज के कर के पीछे भागती है" सर आपका समान गिर गया है सिर " तभी सूरज की नजर उसपे पड़ती है और वो गाड़ी रोक कर उससे पूछता है क्या हुए बेटा बोलो । तो लड़की उसका id card उसे देती है वो बहुत खुश होता है और बोलता थमने बहुत बरा काम किया है आज इसके बिना मेरा काम नहीं होता बोलो tmhe क्या चाहिए वो बोलती है मेरे मा पापा एक्सिडेंट मे मर गाए इसलिए मै भिक् मांगती हूं पर आज मुझे कुछ नहीं मिला मैं बहुत भूकी हूं आप मुझे खिला दीजिए बस । तब सूरज उसे एक होटल में लेके जाता है उसे खाना खिलाता है और पूछता है बेटा टीम मेरी बेटी बनोगी मेरी बेटी नहीं बस एक बेटा है चलोगी मेरे साथ मैं tmhe बेटी की तरह रखूंगा सच में  तो वो तैयार हो जाती है सूरज फिर ज्लदी से उसको साथ मेही लेके ऑफिस जाता है तो वहा मीटिंग खत्म ही होने वाली होती है । वहा का owner पूछता है आप इतने लेट क्यू हुए तो वो सारी बात बताता है और कहता है देखिए आज मुझे बेटी मिली है वो देखिए बाहर । उसकी सारी बात सुन के सब बहुत खुश होते हैं उससे और ये deal भी सूरज को मिल जाती है जिससे वो बहुत खुश होता है फिर वो बच्ची को लेके अपने घर चला जाता है । 


वाहा जाने के बाद वो अपनी पत्नी से कहता है ये देखो आज से ये हमारी बेटी है पर उसकी पत्नी जिसका नाम रीना रहता है वो खुश नहीं होती है और बोलती है ये भिखारी ही मिली थी टमको में नहीं मानती इसे बेटी सूरज बोलता है क्या फर्क पड़ता है ये बहुत अच्छी है और में इसे बेटी मानता हूं तुंभी इससे एक्सेप्ट के को वहीं अच्छा है । वो सूरज के वजह से उसे घर पे रखती है पर उसे बिल्कुल पसंद नहीं करती है जब सूरज घर से जाता था तो वो उसे बहुत मारती थी ताकि वो खुद घर छोड़ दे । पर सूरज का बेटा जिसका नाम आदि था वो उससे बहुत प्यार करता था उससे अपनी बहन मानता था प्र वो बहुत छोटा था इसलिए वो कुछ नहीं कर सकता था बस मा को बोलता था मा ऐसा मत करिए वो बहुत अच्छी है पर कोई फर्क नहीं पड़ता था उसको । 
सूरज उस  बच्ची का नाम मीरा रखता है । सूरज उसकी ट्यूशन लगवाता है ताकि उसका दाखिला किसी अच्छे स्कूल में ही सके । 

सूरज जब ऑफिस जाता तो सारा काम जान बुझ कर रीना मीरा से ही करवाती थी । और वो बच्ची मर मर कर करती थी पर सूरज को नहीं बताती थी ताकि उनको दुख ना हो । 
सूरज नया घर लेता है और ज्लदी से वाहा शिफ्ट हो जाता है । घर शिफ्ट करते टाइम गार्डन मे मीरा को एक गुड़िया मिलती है वो उससे बहुत अच्छी लगती है और मीरा उससे अपने साथ रख लेती है  वो उस गुड़िया को हमेशा अपने पास रखती है उससे बात करती है और अपना सरा दुख अपना मन की सारी बात उससे कहती थी उस गुड़िया से उससे लगा हो जाता है । ऐसा लगता है जैसे वो उसकी सबसे अच्छी दोस्त हो । मीरा को बहुत अच्छी मसुस होता था उसे सब कुछ बता कर ।
एक दिन रीना उससे खाना बनाए बोलती है पर खाना अच्छा नहीं बनने पर वो उससे बहुत मारती है और गलती से उसके हाथ में गर्म पानी गिर जाता है उससे बहुत दर्द होता है वो बहुत रोती है अपने रूम मे जा कर अपनी गुड़िया से सारी बातें कहती है और बोलती है मैं पापा को बता नहीं सकती उन्हे बहुत बरा लगेगा और मेरा भाई राज वो तो बच्चा है उससे भी नहीं बोल सकती तम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो । मीरा बहुत रोती है उसकी जिंदगी दुख से भरी है । 
मीरा सारी बात बता कर सोने चली जाती है । तभी वो गुड़िया जो वो अपने साथ रखती है उसके आंख से आंसू निकलने लगता है और वो गुड़िया अपने हाथ से मीरा को सहलाती है । मीरा को ये नहीं पता था कि गुरिया सच मे उसकी सारी बातें सुन सकती थी वो गुड़िया जिंदा थी उस घर में उसकी मौत हो गई थी जिसके बाद वो अपने पसंद की गुड़िया मे बस गई थी । वो मीरा की सारी बात सुनती थी उससे बहुत प्यार करती थी । उसने सोचा अब मैं उसके साथ ये सब नहीं होने दूंगी । 


अगले दिन सुभा मे सब खाना खाने के बाद चले गए । तो घर में सिर्फ रीना और मीरा थी और वो गुड़िया और कुछ नौकरानी । जब रीना अपने रूम मे गई तो तो पूरा रूम बिखरा था उससे कुछ समझ नहीं आया । फिर दोपहर में वो सो रही थी तो पंखा घूमते घूमते उसके ऊपर गिरने ही वाला  था कि मीरा आके उसे बचा लेती है । फिर दूसरे दिन साम में जब रीना छत पे जाते रहती है तो उसका पैर जैसे फिसल जाता है  और वो गिरते गिरते बचती है qki मीरा भी कपड़ा देने छत पे ही जा रही थी तभी वो कमर परकर लेती और हाथ और रीना को बचा लेती है । एक दिन जब रीना सो रही थी तो जोर से आवज आता है रीना रीना बाहर आओ ज्लदी वो ज्लदी से बाहर आती है तो सूरज उसे एक चामेटा देता और बोलता है तम इतनी गिरी हुई होगी मुझे पता नहीं था तमने कितना सितम किया है इस छोटी बच्ची पे और ये इतनी अच्छी है कि तमहरा एक सिकायत नहीं किया मुझसे tmhe दया नहीं आई ऐसा करते हुए  वो उसी मारने लगा तो मीरा बोली नहीं पापा ये कुछ नहीं की है में तो खुद काम करती थी इन्हे छोड़ दीजिए । इनकी गलती नहीं है । तब मीरा का हाथ आगे के के उससे दिखता है और बोलता है ये दाग कहा से आया बताओ मीरा तम चप रहो और जो यह से । वो मारने के लिए करना है रीना को तो मीरा बोलती है नहीं पापा ये मेरी मम्मी है में नहीं मारने दूंगी आपको  ये सुनके रीना का दिल पिघल जाता है और वो माफी मांगती है मीरा से और अपने बेटी के रूप में उससे अपना लेती है ।ये सब राज के वजह से हुआ और वो गुड़िया के वजह से वो गुड़िया रात में चल के राज के पास जाती है उससे देख के राज दर जाता है पर वो उससे समझती है कि वो अच्छी है कुछ नहीं करेगी वो उससे कहती है मीरा के साथ बहुत गलत हो रहा है जब कोई नहीं रहता है तब वो उससे बहुत मारती है काम करवाती है नौकर बैठा रहता है तम ये सब बात अपने पापा को बताओगे मेरे लिए नहीं तो अपनी बहन के लिए , वो tmse बहुत प्यार करती है । तुम्हे ये  काम करना होगा । 

और अब सब ठीक हो गया है मीरा से उसकी नई मा बहुत प्यार करती है इरा पढ़ने में भी तेज है और अच्छे स्कूल में जाती भी है । उससे बहुत मनन्ने वाला परिवार मिला है और वो गुड़िया अभी भी उसके पास ही है । और मीरा को ये पता है कि गूरिया जिंदा है पर वो उससे बहुत मानती है । यही पर ये कनाई खत्म होता है । 
Story अच्छी लगी हो तो मुझे comment jaroor kren।

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