एक लोटा दूध

 ये स्टोरी बहुत प्यारी और intresting story है । Ye story bahut emotional bhi hai । 

Hello 🫂 doston mera naam shilpi है 

और आज मैं आपके लिए बहुत धमाकेदार स्टोरी ले कर आई हूं।  ये स्टोरी बहुत emotional story है । 

दिनकर एक पंडित का नाम है वो बहुत busy रहता है पूजा पाठ करवाने मे उसकी पत्नी बीमार हो जाती है । दिनकर उससे बहुत प्यार करता है इसलिए वो चाहता है कि उसकी पत्नी ज्लदी ठीक हो जाए । वो पैसा लेकर डॉक्टर से दिखता है तो डॉक्टर बोलता है ये बहुत jyda बीमार हैं इनका बचना मुश्किल है आप इन्हे भगवान ही बचा सकता है । जाइए आप भगवान से प्रार्थना करिए की आपकी पत्नी को वो ठीक कर दें । दिनकर दुखी हो जाता है और जो डॉक्टर बोलता है वो वैसा ही करता है वो भगवान को रोज एक लोटा दूध चढ़ाएगा जब तक कि उसकी पत्नी ठीक ना हो जाए ये सोच कर वो अपने बेटे नारायण को बोलता है बेटा तुम एक लोटा दूध भगवान को चढ़ा देना ताकि भगवान तुम्हारी मां को ठीक कर दें । 

अगले दिन नारायण को दिनकर एक लोटा दूध लेके भेजता है नारायण दूध लेके जाते रहता है तभी एक औरत आती है और बोलती है बेटा तुम्हारे पास कुछ खाने को है मेरा बच्चा बहुत भूका है मुझे कोई काम नहीं दे रहा है में बहुत बीमार हूं । मेरी एक साल की बेटी है वो बहुत भूकि है मर जाएगी वो भूक से मेरी मदद करो । नारायण को दया आ जाती है वो बोलता है कहा है आपकी बेटी मां मुझे लेके चलो उसके पास । वो औरत उसे अपने झोपड़ी मे लेके जाती है बोलती है मेरे पति ने मुझे घर से निकाल दिया है Qki उन्हे कोई और औरत से शादी करनी है । वो रही मेरी बेटी !! नारायण उसे देखता है और जो दूध भगवान को चढ़ना था वो उस बच्ची को पिला देता है और बोलता है जो बचा दूध है वो इसे बाद में पिला देना । लोटा मुझे दे दो वरना पिता जी बहुत डा टे गे । वो फिर वाहा से चल जाता है और जो दूध भगवान को देना चाहिए वो उस औरत को दे देता था है कर और कहता था मां ये लो मेरी बहन को पिला दो ।औरत पूछती है बेटा तुम्हरे पिता को पता चलेगा तो वो तुम्हे मारे गए । वो कहता है आप ठीक हो जाओ मेरी बहन का पर भरने लायक हो जाओ तब मैं दूध भगवान को दूंगा । भगवान के पास तो सब कुछ है उनको देने से अच्छा में किसी जरूरत मंद इंसान को दूंगा तो मुझे jyda पुन्नय होगा । अभी अगर में आपकी बेटी को दूध नहीं दूंगा तो हो सकता है वो मर सकती है ये समाज में अन्याय बहुत होता है । दूध बहुत बह कर नदी में बर्बाद ही जाता है वहीं दूध अगर गरीब को दिया जाए तो बहुत बच्चे का पर और मन दोनों को संतुष्टि मिलेगी । 

एक दिन उसके पिता को कुछ काम था वो जा थे थे तभी उन्होंने नारायण दिखा वो उसका पीछा करते है तो देखते हैं कि उसके हाथ में वहीं दूध का लोटा था वो उसको लेके एक एक झोपड़ी में जाता है  और खाली लोटा लेकर बाहर आता है । दिनकर ये देख कर नारायण को बहुत मारने लगता है बोलता है तू नालायक इस औरत को दूध देता है भगवान का चढ़ावा इसको देता है पाप कर करता है इतना बड़ा । खूब मारने लगे वो औरत उनको मना कर रही थी पर वो उसकी एक नहीं सुन रहे थे । कुछ देर बाद नारायण की हालत खराब होने लगी मार कहते कहते कहते । तभी एक अवज आई रुक जो दिनकर वो आवाज़ किसी दिव्या सकती की लग रही थी वो पलट कर देखता है तो वहीं औरत दुर्गा मां का रूप ले लेती है और बोलती है तुम्हारा बेटा बहुत दयालु और बहुत अच्छा है इसका विचार देख कर में हैरान हूं ये बच्चा हो कर भी एक भूमि बच्ची और लाचार औरत की madat करने का फैसला लिया वो भी सबके खिलाफ जाके मैं इससे बहुत प्रसन्न हुई हूं उसने मेरा मन जीत लिया है । दुर्गा मां कहती हैं कि जाओ तुम्हारी पत्नी ठीक हो जाएगी बिल्कुल पहले की तरह सिर्फ तुम्हारे बेटे की वजह से । 

इसने बिल्कुल सही फैसला लिया हमारे पास सब कुछ है तुम दूसरों की madat और अच्छे काम करने वाले लोग बनो ।

तुम।अगर किसी को कहते हो तो उससे मुझे खुशी होगी Qki तुम जिससे खिलाओगे वो भी मेरा ही संतान है । 

फिर दिनकर को ती का अहसास गहो जाता है और देवी वाहा से गायब हो जाती है । और सब कुछ ठीक हो जाता है नारायण के वजह से ।



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