Attempt Suicid after breakup

 Attempt Suicid after breakup/दिल टूटने के बाद आत्महत्या की कोशिश (part 1)

इस स्टोरी से आपको सीख मिलेगी आपकी जिंदगी की क्या अहमियत है और और आपके होने से किसी को कितना फर्क पड़ता है यह पता चलेगा। और किसी के जाने से या धोखा देने से जिंदगी को खत्म करना उपाय नहीं है हो सकता है आपको कोई और भी उससे भी अच्छा मिल जाए जैसा आपने सोचा भी ना हो ।

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हाय मेरा नाम अमृता है और मैं 25 साल की हूं कुछ दिन पहले मैं बहुत ही बेवकूफ वाली हरकत करने जा रही थी वह भी एक लड़की की वजह से।

आपको पता है मैं इस दुनिया में अकेली मेरी एक मां है पर मैं हूं बस मेरे पापा आज से 10 साल पहले ही स्वर्ग सिधार गए थे। और तब से मुझे मेरी मां नहीं पाला और पढ़ाया भी मुझसे बहुत प्यार करती है और मैं भी उनसे बात करती हूं।

चलिए जानते है मैं अपने आप को बेवकूफ क्यों बोल रही हूं तेरी बेवकूफ वाली हरकत करने गई थी तो बेवकूफी बोलूंगी ना। 😅


हम लोग पहले भी बहुत कुछ खास नहीं थे मेरे पापा प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया करते थे और मैं घर का काम करती थी पर पापा के गुजर जाने के बाद मैं दूसरों के घरों में काम करती थी और थोड़ा बहुत इधर उधर कर लेती थी क्योंकि मेरी मां पढ़ी-लिखी नहीं थी।

इसलिए वह चाहती थी कि मैं पढ़ लिखकर एक सरकारी नौकरी ले लूं जैसा कि सब के परिवार वाले चाहते हैं। कसम भारत मां को स्कूल में काम मिला साफ सफाई का काम किया करती थी और क्योंकि वहां के स्टाफ होने के कारण मेरी फिर भी थोड़ी कम कर दी गई थी तो मां मुझे उसी स्कूल में पढ़ाया करते थे हां कुछ बच्चे चुराया करते थे मुझे की अरे देखो यह काम वाले की बेटी है मुझे बुरा भी लगता था पर क्या कर सकती हूं कुछ लोग नहीं समझते तेरी मां को बहुत रिस्पेक्ट देते थे और उनकी इज्जत भी करते थे।

अपने घर के हालात को देखते हुए मैं अपनी मां को देखते हुए पड़ने पर बहुत ध्यान देती थी और अच्छी कसीदे पढ़ने मैंने 12 सीसी दिया मैंने कहा कि मैं यहीं से कर लेती हूं मां बोली बेटा तू ज्यादा चांसेस रहेंगे नौकरी लेने की।

मैंने पूछा आप मैनेज कैसे करोगी तो मैंने बोला मैंने तुम्हारी प्रिंसिपल से बात की है क्योंकि तुम कॉलेज में अच्छी थी पढ़ने में इसलिए उन्होंने मेरी मदद करने की बात बोली। तो मैंने एंटरेंस एग्जाम्स दिए बात कॉलेज के एडमिशन में हो गया अच्छे खासे कॉलेज में।

 अब जैसा कि आप लोग जानते हैं इस टाइम में कोई ना कोई किसी ना किसी का क्रश होता है वैसा ही मेरा भी कोई क्रश था। जब मैं कॉलेज जाना स्टार्ट कड़ा तो पढ़ने में तो मैं बहुत अच्छी थी पर जो मेरा क्रश था वह मेरा क्लासमेट ही निकला अब कुछ दिन बीत जाने के बाद मेरा पढ़ाई में थोड़ा मन नहीं लगता मेरा ध्यान भटक गया। और मैं पढ़ना छोड़ कर उसके करीब कैसे जाऊंगी सोचने लगी।

अब आप लोग जानना चाहोगे कि मेरा क्रश आप कौन उसका नाम क्या था तो मैं बता दूं उसका नाम था अमन लिखने में तो वह बहुत हैंडसम था। ई ऑलरेडी कोई ना कोई तो जगह होगी पर मुझे पता नहीं था। मुझे तो बस उससे हो गया था।

कॉलेज में फ्रेशर्स पार्टी रखी गई थी सीनियर्स के लिए। मेरे पास कपड़ों की ज्यादा कलेक्शंस नहीं थी पर मेरी जो बेस्ट फ्रेंड थी नीता नीता के पापा बहुत ही रिश्ते उसके पास तरह-तरह के कपड़े थे और वह भी ढेर सारी। तो मैंने कहा नीता तू ही कोई कपड़े मुझे दे दे मैं वही पहन के चली जाऊंगी नीता ने अपने कपड़े तो नहीं दिया क्योंकि वह जानती है कि कॉलेज के बच्चे कैसे होते हैं अगर उन्होंने देखा मुझे नींद आ के कपड़े पहने हुए तो फिर मुझे छोड़ेंगे नहीं चिढ़ाना स्टार्ट कर देंगे।

इसलिए वह मुझे अपनी न्यू ड्रेस देती है जो उसने कभी नहीं पहनी थी। अलवर ड्रेस ब्लैक कलर की थी बहुत खूबसूरत है उसका बाजू बहुत छोटा था स्लीवलेस था और नीचे से भी बहुत शॉर्ट था।

पार्टी के दिन अमन ने ब्लैक ड्रेस पहनी थी वैसे तो अमन के आगे पीछे इतनी सारी लड़कियां रहती है वह मुझ पर ध्यान क्यों देगा। पर वह उस दिन बहुत अच्छा लग रहा था मैं तो बार-बार उसे ही देख ली थी।

कॉलेज के सीनियर्स के लिए स्क्रिप्ट मुझे दिया गया था लिखने के लिए और मुझे एंकरिंग के लिए भी बोला गया था तो इस वजह से मैंने जब सिर्फ पढ़ना स्टार्ट किया । मेरे स्क्रिप्ट इतनी अच्छी थी इतनी अच्छी थी कि मेरे सीनियर से लेकर जो भी वहां पर था उन सभी को मेरी स्क्रिप्ट बहुत अच्छी लगी। फाइनली मैं अमन के भी नजर में आ गई उस दिन अमन खुद मेरे पास आकर मुझसे बात करा। उसी दिन उसने मुझसे फ्रेंडशिप की और उसी दिन से हम दोनों की फ्रेंडशिप भी हुई।

अब रोज कॉलेज में मिलना घूमना फिरना कैंटीन जाना सब हम लोग साथ ही करते थे ऐसे ही दिन बीत जाने के बाद मरने फाइनली मुझे प्रपोज किया।

और मैंने एक्सेप्ट कर लिया और यहीं से से मेरी बर्बादी की शुरूआत होती ।

कुछ दिन तक सब कुछ ठीक चला मुश्किल से 6 महीना उसके बाद अमन का ध्यान मुझ पर से हटने लगा । अब ना तो मुझसे सही से बात करता था और मुझे एक मोड़ भी करने लगा था ऐसा 3 साल मंथ तक चला। फिर मुझे उसके एक दोस्त ने बोला हम उनकी एक गर्लफ्रेंड नहीं है उसे 3, 4 है । मैंने कहा उसने तो मुझे बोला था कि मैं यह सब चीज छोड़ दिया हूं मैं तुमसे सच में करता हूं। पर उसक दोस्त बनता है देखो बहन

मैं तुम्हारी जिंदगी बचाना चाहता हूं इसलिए तो मैं बता रहा हूं विश्वास करो । और सच में कुछ दिन बाद मुझे पता चला अमन कि मेरे अलावा भी तीन और गर्लफ्रेंड थी। मैंने सोचा उसे रंगे हाथों पकड़ कर उसे थप्पड़ मारूंगी। 

एक दिन मैं अमन के घर गई बिना बताए वह भी रात में । करीब 1:00 बज रहे होंगे मैंने गेट ढक ढक आया । अमन गेट खुलता है हैरान हो जाता है मुझे देखकर रूम में जाकर उस लड़की को ढूंढना स्टार्ट किया क्योंकि मुझे पता था कि वह लड़की आज अमन के घर आने वाली है। लड़की मुझे कहीं नहीं देखी अमन मुझे डांट कर बोलता है तुम मुझ पर शक कर रही हो दिस डेट एंड मैं चुपचाप सुन रही थी क्योंकि मुझे प्रूफ मिला नहीं था।

पर अचानक मुझे सैंडल दिख।  और फाइनली वह लड़की मुझे मिल गई जो विंडो के पीछे छुपे थे। मैंने अमन को छोड़ कर दो थप्पड़ मार मैंने अमन को जोर का थप्पड़ मारा। अमन गुस्से से लाल हो गया और उसने भी मुझे मारने की कोशिश की पर पीछे से मेरा दोस्त रोहित आकर उसे बहुत मारता है और कहता साले मुझे पता तो ऐसी कुछ हरकत करने वाला है इसलिए मैं इसके पीछे पीछे आया था । 

मैं जब अपने हॉस्टल आई तो मैं बहुत परेशान थी मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करूं मैं उस सदमे से नहीं निकल पा रही थी और ना ही उस बात को भूल पा रही थी।

और मेरे दिमाग में बस एक ही चीज आ रह थी आत्महत्या आत्महत्या आत्महत्या।।।।।।।।,।।।।।।।।।




मैं कॉलेज के हॉस्टल में थी और मेरा मन करने लगा तभी अब मैं सुसाइड कर लूंगी । मेरे दोस्त ने मुझे संभाला और का तुम छुट्टी लेकर कुछ दिन चले जाओ अपने घर। 
अगले दिन मैंने छुट्टी लेकर अपने घर जाने की तैयारी कर ली।

मैं जब घर आई तो मैं बिल्कुल नॉर्मल पर रही थी ताकि मेरी मां को कुछ भी शक ना हो और वह परेशान ना हो । मैंने मां से झूठ बोला कि मेरी कॉलेज में छुट्टियां चल रही है तुलसी माता मारी वैसे भी छुट्टियां स्टार्ट होने ही वाली थी पर मैं पहले ही आ गई।

अब मैं मां की मदद करती घर के कामों में , मां सुबह सुबह स्कूल जाती थी काम करने के लिए और मैं दिन भर अकेले घर में बैठी रहती थी और कभी रोती कभी उदास रहती थी इधर उधर थोड़ा सा घूमती और कभी कभी मरी हुई लाश ऐसे लेटी रहती थी।

मेरा घर काफी अच्छी जगह पर था वह अलग बात है कि हमारा घर एक रूम और बस भी किचन का ही था वहां पर सबसे छोटा घर हमारा ही था।
ऐसे कुछ दिन तक चलता रहा फिर एक दिन मैं अपनी खिड़की के पास चुपचाप बैठी हुई थी और अपनी और अमन की फोटो देख रही थी उस टाइम करीब रात के 12:00 बज रहे होंगे और मेरी मां सोई हुई थी।
तभी मुझे लगा कि कोई मुझे देख रहा है मैंने जैसे अपनी आंखों पर करी तो देखा कि मेरे पड़ोस का लड़का मुझे अपनी खिड़की से देख रहा है वह अक्सर रात में पढ़ा करता था और मुझे जहां तक पता है वह पढ़ने में काफी अच्छा था।

मैंने उस पर से ध्यान हटाया और वापस अपने फोन को देखने लगी और मेरी आंखें नम हो चुकी थी मैंने अपना फोन बंद किया खिड़की के पास से उठकर बेड पर जाकर सो गई।
मुझसे यह सब बर्दाश्त नहीं हो रहा था मैं डिप्रेशन में जाने लगी थी बहुत ज्यादा ना कुछ खाना ना पीना ना दोस्तों से बातें करना सिर्फ एक रूम में अकेले रहने लगी थी। मेरे आंखों के पास काली निशान पड़ने लगे थे मुंह सूख गया था।
मेरी सोचने की शक्ति कमजोर हो गई थी।

एक महीना बीत चुका था फिर
मैंने एक दिन सोचा मैं यह सब नहीं बर्दाश्त कर सकती मैं आपके बिना नहीं रह सकती मैं सुसाइड कर लूंगा।
मैंने पूरा मन बना लिया था कि मैं अब सुसाइड कर लूंगी आज जब मैं घर से जा रही थी तो मेरी नजरें ऊपर से नहीं आ रही थी और मैं उन्हें एक तक से देखी जा रही थी जब मैं स्कूल के लिए निकल गई तब मैंने सोचा अब जाती हूं और खुद को ही खत्म कर लूंगी सारी कहानी यहीं खत्म हो जाएगी।

मैं जहां रहती हूं वहां पर 5 किलोमीटर दूरी पर एक पार्क है हर्ष पार्क के बगल में गहरी नदी जहां पर तेज धारा बहती है वह नदी उस पार से सटी हुई थी।  नेट से वहां मोदी और उस तालाब के किनारे खड़ी हो गई उस टाइम हल्की गर्म हवा चल रही थी और मैं अपनी आंखें बंद करके वहां थोड़ी देर खड़ी हो गई मुझे वह घर में बाय सफ साफ महसूस हो रही थी।
कुछ देर आंख बंद करके खड़ा रहने के बाद मैं नदी में कूदने ही वाली थी कि अचानक से मुझे लगा किसी ने मुझे कुछ कहा।
मैं जब पीछे मुड़ी तो देखी किसी ने मुझे कहा सुसाइड करने जा रही हूं ब्रेकअप हो गया क्या?? या कोई तुम्हारा अपना दुनिया से जा चुका है और तुम अकेली हो वीडियो देखने वाला कोई नहीं रहा। 

मैंने अपनी आंखें जल्दी से गोली और पीछे मुड़ कर देखा तो देखा होगा ही लड़का था जो मुझे कुछ दिनों से खिड़की से देखा करता था।   उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी अगर थोड़ा सा गुस्सा भी उस हल्की धूप में उसका चेहरा बहुत चमक रहा था उस करण घोड़ा था जो धूप में हल्का लाल पड़ चुका था और आंखें हल्के भूरे काली रंग की।  

वह मुझसे फिर से पूछते हैं कौन है वो अगर तुम्हें बुरा नहीं लगे तो तुम मुझे बता सकती हो।  मैंने थोड़ी गुस्से में काम है तुम्हें क्यों बताऊं तुम मेरे कौन लगते हो तो उसने कहा तुम्हारा जरूर ब्रेकअप ही हुआ है।  चलो ठीक है तुम मुझे अपने बारे में कुछ मत बताओ पर मेरे एक सवाल का आंसर दोगी??

मैंने उससे कहा हां बोलो!!!!  
मेरा नाम रोहन है नाम तो तुम जानती होगी,, नहीं मैं नहीं जानती तुम्हें, मैंने कहा

रोहन मुझसे पूछता है जिस लड़की के लिए तुम अपनी जान देने के लिए तैयार हो वह लड़का आज तक तुम्हारे लिए क्या-क्या किया????   क्या तुम्हारी मां ने कुछ कमी कर दी तो मैं पालने में या पढ़ाने में तुम जो कुछ हो तुम्हारी मां की बदौलत हो अभी और उस बूढ़ी औरत को छोड़कर जब तुम्हारे भरोसे यह अपनी जिंदगी को कुर्बान कर चुकी है तुम उस इंसान को छोड़ कर जा रही हो चुटिया इंसान की वजह से जो तुम्हारा कभी ना था ना अभी तुम्हारे पास है वह।  

ना वो तुम्हारा पहले था और सुनाओ वह तुम्हारा अब है कुछ समय के लिए जो लोग आते हैं उनके कोई वैल्यू नहीं रखता उनसे बस सीख लेनी चाहिए इंसान को।।  अपनों के बारे में सोचा करो तुम्हारी मां के लिए तुम्हें सब कुछ हो तुम्हारे जाने के बाद कौन देखेगा उन्हें उनकी तो उम्र भी हो चली है। 

यह सब बात सुनकर मुझे बहुत रोना आने लगा और मुझे खुद के ऊपर शर्माने लगा मुझे बहुत खराब लग रहा था और बहुत पछतावा हो रहा था कि मैंने ऐसा सोच भी कैसे लिया जो मांग घुट कर मर मर के मेरे लिए जी रही है मुझे मेरे सपने को पूरा करने मैं खून पसीना एक कर दिया उसे छोड़कर में एक चुटिया इंसान की वजह से मरने जा रही थी ।

लगता है मैं समझ सकता हूं तुम अभी बहुत तकलीफ में हो सुसाइड करना यह कोई सलूशन नहीं तुमसे कोई और भी जुड़ा है तुम अकेली नहीं हो तुम्हारे जाने के बाद सिर्फ तुम नहीं तुम्हारी मां भी मर जाएगी।  ओके जान तुम्हारे अंदर बस्ती है वह तुम्हें कामयाब देखना चाहती हैं भगवान के लिए ऐसा कदम कभी दोबारा मत उठाना
और मुझे माफ कर देना कि अगर मेरी बातों का तुम्हें बुरा लगा हो तो 🙏 ।  

मैं तुम्हें कुछ दिन से नोटिस कर रहा था मुझे लगा था कि जरूर तुम्हें कोई प्रॉब्लम है और तुम डिप्रेशन में हूं इसलिए मैं तुम पर थोड़ी नजर रख रहा था तुम्हारी मां मेरी मां जैसी भी है मैं उन्हें बचपन से ही देखता रहा हूं कि वह तुमसे कितना प्यार करती हूं और तुम्हारे लिए क्या-क्या करती हैं।

चलो अब घर चलो ना उसने बोला ही था कि मैंने उसे कसकर गले लगा लिया और रोने लगी।  मुझे उस टाइम कोई होश नहीं था पर मुझे ऐसा लगा कि उसे थोड़ी हिचकिचाहट हो रही थी मुझे पकड़ने में मुझे पीछे से थोड़ा सा ऊपर किया था पर फिर से हटा लिया ।  और कहां कोई बात नहीं ऐसे हाथ से हर किसी के साथ होते रहते हैं।  इन सब से इंसान को सीख लेनी चाहिए ना कि अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेनी चाहिए।

मैं फिर करे तू चाहती हूं अरे सॉरी बोलती हूं कि मैंने से बिना पूछे गले लगा लिया 🙄

रास्ते में चलते चलते हम दोनों बातें कर रहे थे वह मेरे बारे में पूछ रहा था और मैं उसके बारे में पूछ रही थी हम दोनों की फ्रेंडशिप बहुत अच्छी हो गई ऐसे ही हम लोग रास्ते में जा ही रहे थे रोहन के मुंह से कुछ ऐसा शब्द निकलता है जिसे सुनकर मैं हैरान हो जाती हूं और वहां अचानक से शांत हो जाता है।   और मैं उसकी बात सुनकर उसकी वर देखने लगती हूं ।।।।


To be continued ❤️



Aapko meri story kaisi lagi mujhe comment kr ke jaroor bataen...aur aapko kaisi stories ✍️ padhni acchi lgti h mujhe ye bhi batae taki main aapke liye aapke psnd ki stories likh sakun...

Thanks for coming


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